पिता पर 2 बेहतरीन कविताएँ
पिता पर बेहतरीन कविताएँ- दुनिया में कुछ ही रिश्ते होते हैं जो बिना स्वार्थ के चलते हैं बाकी हर रिश्ते के लिए कुछ न कुछ चुकाना पड़ता है। और वो रिश्ते होते हैं माँ-बाप के। वो हमारी जिंदगी बनाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी कुर्बान कर देते हैं। एक पिता ही पूरे परिवार की हिम्मत, उम्मीद और विश्वास होता है। पिता जिम्मेदारी से लदी गाड़ियों का एक सार्थी होता है, वह कभी भी हमें कमजोर नहीं होने देते। हमारे सपनों को पूरा करने के लिए वो अपनी जान तक लगा देते हैं। आज हम पिता के बारे में कुछ बेहतरीन रचनाएं पढ़ेगें।
पिता पर बेहतरीन कविता
मेरा साहस, मेरी इज्जत, मेरा सम्मान है पिता।
मेरी ताकत, मेरी पूँजी, मेरा अहसास है पिता।।
घर के एक-एक ईंट में शामिल उनका खून-पसीना।
सारे घर की रौनक, सारे घर की शान है पिता।।
मेरी इज्जत, मेरी शोहरत, मेरा रूतबा, मेरा मान है पिता।
मुझको हिम्मत देने वाले मेरे अभिमान है पिता।।
सारे रिश्ते उनके दम से, सारे नाते उनसे है।
सारे घर के दिल की धड़कन, सारे घर की जान पिता।।
शायद रब ने देकर भेजा फल ये अच्छे कर्मों का।
पिता पर हिंदी कविता
माँ घर का गौरव तो पिता घर का अस्तित्व होते है।
माँ के पास अश्रुधारा तो पिता के पास संयम होता है।
दोनों समय का भोजन मां बनाती है तो जीवन भर भोजन की
व्यवस्था करने वाले पिता को हम सहज ही भूल जाते हैं।
कभी लगी जो ठोकर या चोट तो “ओ माँ” ही मुँह से निकलता है।
लेकिन रास्ता पार करते कोई ट्रक पास आकर ब्रेक लगाये तो
“बाप रे” यही मुंह से निकलता है।
क्योंकि छोटे छोटे संकटो के लिए मां है पर बड़े
संकट आने पर पिता ही याद आते हैं।
पिता एक वट वृक्ष है जिसकी शीतल छांव में सम्पूर्ण परिवार
सुख से रहता है।
अगर पसंद आये तो जवाब जरूर दें और अपने मित्रों के साथ शेयर करना ना भूलें।
Comments
Post a Comment